Khatu Shyam ji Mandir Rajasthan
खाटूश्याम मंदिर
को राज्य के बेहद महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक माना जाता है. भगवान श्री
कृष्ण बर्बरीक के बलिदान को देखकर काफी प्रसत्र हुए थे और उन्हें वरदान
दिया था कि कलियुग में वे श्याम के नाम से पूजे जाएंगे. मान्यता है कि जो भी भक्त यदि सच्चे भाव से खाटूश्याम का नाम उच्चारण करता है, तो उसका उद्धार संभव है।
दर्शनीय स्थल : श्याम भक्तों के लिए खाटू धाम में श्याम बाग और श्याम कुंड प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं। श्याम बाग में प्राकृतिक वातावरण की अनुभूति होती है। यहां परम भक्त आलूसिंह की समाधि भी बनाई गई है। श्याम कुंड के बारे में मान्यता है कि यहां स्नान करने से श्रद्धालुओं के पाप धुल जाते हैं।
जब भी कोई हारा और टूटा हुआ भक्त आपके पास आएगा तुम्हारी पुजा से उसके सब काम पूर्ण होंगे. श्री कृष्ण ने बर्बरीक के सिर को एक ऊंचे स्थान पर रख दिया. आज विश्व विख्यात खाटू श्याम मंदिर उसी स्थान पर बना हुआ हैं जहां पर उनका कटा हुआ सिर रखा गया था. यही वह पौराणिक कथा हैं जिसके कारण “खाटू श्याम को हारे का सहारा कहते हैं”
खाटू श्याम जी मंदिर राजस्थान के सीकर जिले में स्थित है और सीकर से खाटू श्याम मंदिर की दूरी 55 किलोमीटर है।इसे राज्य के सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक माना जाता है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, खाटू श्याम जी घटोत्कच के पुत्र बर्बरीक की अभिव्यक्ति हैं
जयपुर से खाटू श्याम मंदिर की दूरी 80 किलोमीटर है। रिंगस से श्याम मंदिर की दूरी लगभग 18 किलोमीटर है। दिल्ली से खाटू श्याम मंदिर की दूरी से 266 किलोमीटर है।खाटू श्याम जी पहुंचने के लिए सबसे पास का रेलवे स्टेशन रिंगस है। जहां से बाबा के मंदिर की दूरी 18.5 किमी है। रेलवे स्टेशन से निकलने के बाद आपको मंदिर के लिए टैक्सी और जीप ले सकते हैं।
About Khatu Shyam Mandir
- Khatu Shyam ji Mandir Rajasthan
- Khatu Shyam ji Mandir Timing
- खाटू श्याम जी की पूजा कैसे करें?
- खाटू श्याम मंदिर क्यों प्रसिद्ध है?
- खाटू श्याम जी का दिन कौन सा होता है?
- खाटू श्याम का क्या चमत्कार है?
- खाटू श्याम बाबा का निशान किसका प्रतीक है?
- खाटू श्याम को हारे का सहारा क्यों कहा जाता है?
- Khatu Shyam ji Mandir Distance Sikar
- Khatu Shyam ji Mandir Distance Jaipur
- Khatu Shyam ji Mandir Location Map
Khatu Shyam ji Mandir Timing
श्री खाटू श्याम दर्शन का समय : सर्दियों के मौसम में दर्शनार्थियों के लिए मंदिर को प्रातः काल 5:00 बजे से 10:00 बजे तक खोला जाता है। और सायं काल 4:00 बजे पुनः मंदिर खोला जाता है जो रात्रि 9:00 बजे तक भक्तों को दर्शन के लिए खोला जाता है।
आरती वंदना | गर्मियों का मौसम | सर्दियों का मौसम |
मंगला आरती प्रतिदिन | सुबह 4:30 बजे | सुबह 5:30 बजे |
शृंगार आरती प्रतिदिन | सुबह 7:00 बजे | सुबह 8:00 बजे |
भोग आरती प्रतिदिन | दोपहर 12:30 बजे | दोपहर 12:30 बजे |
संध्या आरती प्रतिदिन | शाम 7:30 बजे | शाम 6:30 बजे |
विश्राम आरती प्रतिदिन | रात्रि 10:00 बजे | रात्रि 9:00 बजे |
खाटू श्याम जी की पूजा कैसे करें?
सबसे पहले बाबा खाटू श्याम का एक चित्र या मूर्ति बाजार से खरीद लायें। इसे किसी साफ़ सुथरी जगह या पूजा स्थान पर विराजें। – अगरबत्ती-धूप, घी का दीपक, फूल, पुष्पमाला, कच्चा दूध, भोग सामग्री-प्रसाद – ये सब सामान तैयार रख लें। – अब श्याम बाबा की फोटो या मूर्ति को पंचामृत या दूध-दही से स्नान करवाएं।
खाटू श्याम मंदिर क्यों प्रसिद्ध है?
दर्शनीय स्थल : श्याम भक्तों के लिए खाटू धाम में श्याम बाग और श्याम कुंड प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं। श्याम बाग में प्राकृतिक वातावरण की अनुभूति होती है। यहां परम भक्त आलूसिंह की समाधि भी बनाई गई है। श्याम कुंड के बारे में मान्यता है कि यहां स्नान करने से श्रद्धालुओं के पाप धुल जाते हैं।
खाटू श्याम जी का दिन कौन सा होता है?
खाटूश्याम जी का जन्मोत्सव हर साल कार्तिक शुक्ल पक्ष की देवउठनी एकादशी को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।
"बाबा श्याम की नगरी अपने आप में एक चमत्कार है. | यहा दिन पर दिन श्याम भक्तो की संख्या और उनकी आस्था में इजाफा हो रहा है . बाबा श्याम की नगरी में कोई भक्त एक बार आके बाबा के दर्शन कर लेता तो हमेशा उनका बन जाता है और फिर बारम्बार यह धरती उसे खीच लाती है
क्यों चढ़ाया जाता है श्याम बाबा को निशान? सनातन संस्कृति में ध्वजा विजय की प्रतीक मानी जाती है। श्याम बाबा द्वारा किए गए बलिदान शीश दान के लिए उन्हें निशान चढ़ाया जाता है। यह उनकी विजय का प्रतीक माना जाता है क्योंकि उन्होंने धर्म की जीत के लिए दान में अपना शीश ही भगवान श्री कृष्ण को समर्पित कर दिया था। निशान केसरी, नीला, सफेद, लाल रंग का झंडा होता है।
खाटू श्याम का क्या चमत्कार है?
"बाबा श्याम की नगरी अपने आप में एक चमत्कार है. | यहा दिन पर दिन श्याम भक्तो की संख्या और उनकी आस्था में इजाफा हो रहा है . बाबा श्याम की नगरी में कोई भक्त एक बार आके बाबा के दर्शन कर लेता तो हमेशा उनका बन जाता है और फिर बारम्बार यह धरती उसे खीच लाती है
खाटू श्याम बाबा का निशान किसका प्रतीक है?
क्यों चढ़ाया जाता है श्याम बाबा को निशान? सनातन संस्कृति में ध्वजा विजय की प्रतीक मानी जाती है। श्याम बाबा द्वारा किए गए बलिदान शीश दान के लिए उन्हें निशान चढ़ाया जाता है। यह उनकी विजय का प्रतीक माना जाता है क्योंकि उन्होंने धर्म की जीत के लिए दान में अपना शीश ही भगवान श्री कृष्ण को समर्पित कर दिया था। निशान केसरी, नीला, सफेद, लाल रंग का झंडा होता है।
खाटू श्याम को हारे का सहारा क्यों कहा जाता है?
जब भी कोई हारा और टूटा हुआ भक्त आपके पास आएगा तुम्हारी पुजा से उसके सब काम पूर्ण होंगे. श्री कृष्ण ने बर्बरीक के सिर को एक ऊंचे स्थान पर रख दिया. आज विश्व विख्यात खाटू श्याम मंदिर उसी स्थान पर बना हुआ हैं जहां पर उनका कटा हुआ सिर रखा गया था. यही वह पौराणिक कथा हैं जिसके कारण “खाटू श्याम को हारे का सहारा कहते हैं”
Khatu Shyam ji Mandir Distance Sikar
खाटू श्याम जी मंदिर राजस्थान के सीकर जिले में स्थित है और सीकर से खाटू श्याम मंदिर की दूरी 55 किलोमीटर है।इसे राज्य के सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक माना जाता है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, खाटू श्याम जी घटोत्कच के पुत्र बर्बरीक की अभिव्यक्ति हैं
Khatu Shyam ji Mandir Distance Jaipur
जयपुर से खाटू श्याम मंदिर की दूरी 80 किलोमीटर है। रिंगस से श्याम मंदिर की दूरी लगभग 18 किलोमीटर है। दिल्ली से खाटू श्याम मंदिर की दूरी से 266 किलोमीटर है।खाटू श्याम जी पहुंचने के लिए सबसे पास का रेलवे स्टेशन रिंगस है। जहां से बाबा के मंदिर की दूरी 18.5 किमी है। रेलवे स्टेशन से निकलने के बाद आपको मंदिर के लिए टैक्सी और जीप ले सकते हैं।